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Maa Tara Chandi Temple Drone Video | Maa Tara Chandi Dham Sasaram

بواسطة Play Word
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تم نشره في 2020/06/29

माँ तारा चंडी पीठ भारत के 52 पीठों से सबसे पुराना पीठ माना जाता है। पुराण के अनुसार उनके पत्नी "सती " अपने पिता के घर अपने स्वामी को अबमानना होने पर जब आत्मदाह किए , भगबान शिब क्रोध मे आकार सती के सब को उठाकर भयंकर तांडब नृत्य करने लगे। उसी मे बिश्व द्वंश होने का खतरा रहा। भगबान बिष्णु बिश्व को रक्षया करने हेतु अपने सुदर्शन चक्र भेज कर सती के सब को खंड खंड करा दिये। वो सभी खंड भारत उपमहादेश की बिभिन्न प्रांत में गिरे। वो सभी प्रांत को " शक्ति पीठ" माना जाता है और हिंदुओं के लिए सभी पीठ बहुत मतत्वपूर्ण रहे है। माँ तारा पीठ पर सती की "दाहिने आँख " पड़े थे। यहाँ एक अति प्राचीन मंदिर , जिनहे " माँ सती " मंदिर कहा जाता था,उसे माँ तारा की आबास कहा जाता है। कैमूर पहाड़ियों में अनन्य कई आकर्षण भी रहे है। यहाँ गुप्त महादेव मंदिर, पारबती मंदिर, पुराने गुंफाओं, मँझार कुंड और धुआ कुंड नामक दो जलप्रपात है। येही दोनों जलप्रपात से बिजली उत्पादन भी संभब है। तारा चंडी मंदिर का अबस्थिति सासाराम से दक्षिण दिशा मे 5 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ बहुत हिन्दू भक्तों का समागम होता है। धुआँ कुंड प्रपात भी यहाँ का एका बहुत बड़ा परज्यातक आकर्षण है।

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